सीधी मूत्र कांड से भाजपा की शुरू हुई फजीहत.?

सीधी। मध्यप्रदेश के सीधी जिला के भाजपा विधायक केदार शुक्ला का विधायक प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला की घिनोनी करतूत के बाद  भाजपा बैक फुट में जाती हुई दिखाई दे रही है। भाजपा से जुड़े नेताओं की ये कोई पहली करतूत नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के सत्ताधीशों के दिमाग में अहंकार घर कर गया है। जिससे भाजपा के संस्कारवान नेताओं की प्रदेश के कोने - कोने से घिनोना चेहरा सामने आता रहता है। प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान भी कड़ी कार्रवाई करने से कतराते हुए नजर आते है। सबसे मजेदार बात ये है कि मीडिया और जनता के दबाव के चलते और अपनी पार्टी की छवि बचाने की गफलत में फंसा हुआ आरोपी भाजपा का नहीं होना बता दिया जाता है। जैसा कि सीधी मूत्रकाण्ड के मामले में प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने प्रवेश शुक्ला को पार्टी का न होना बता दिया। जब तक बचा सकते थे बचाते चले गए जब पानी सिर से ऊपर जाने लगा तो खुद की बचाने के चक्कर में दूसरे की मरा दी।

सोशल मीडिया में जब से सीधी के भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला के प्रतिनिधि का एक आदिवासी युवक पर पेशाब करने का वीडियो वायरल हुआ है तरह - तरह की चर्चाएं गली कूंचों में सुनाई दे रही है। कहा तो यहां तक जा रहा कि संस्कारों की बात करने वाली भरतीय जनता पार्टी के नेताओं के यही संस्कार है कि सत्ता हांथ क्या आ गई पहले तो अत्त ही मूत रहे थे.? अब सत्ता के नशा के साथ - साथ शराब के नशे में गरीब और मजलूम आदिवासी युवक पर खुलेआम पेशाब करने लगे। जिस युवक पर सीधी जिले का भाजपा विधायक प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला खड़े होकर पेशाब कर रहा है इससे यही प्रतीत हो रहा है कि प्रवेश शुक्ला स्वयं मानसिक विक्षिप्त है। या फिर यह कहना भी लाजमी होगा कि सत्ता के नशे ने इसे हैवान, दरिंदा और मानसिक दिवालिया बना दिया है। सारी मानवता, इंसानियत को शर्मसार करने वाला ये वीडियो हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। मानवता की सारी परिकाष्ठा को लांघ दी गई है। ऐसे इंसानियत के दुश्मन को मानव समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है? न ही ऐसे कृत्य की कोई माफी होनी चाहिए। हालांकि प्रवेश शुक्ला जैसे न जाने कितने खुलेआम इस तरह के कुकर्म कर मानवता को शर्मसार कर रहे है। लेकिन सवाल यह उठता है कि यदि ऐसे हैवान को रियायत दी गई तो आये दिन प्रवेश शुक्ला टाईप के दरिंदे हर रोज पैदा होते रहेंगे और आये दिन आदिवासी युवक पर इसी तरह अत्याचार होता रहेगा।


 आपको बता दे कि जब सोशल मीडिया में ये खबर आग 
की तरह फैलने लगी तो शासन अलर्ट मोड़ पर नजर आया और सीधी पुलिस प्रशासन को वीडियो की जांच करते हुए तुरंत एक्शन लेने के आदेश जारी किए गए। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि शासन के आदेश की अवहेलना करते हुए प्रशासन के ढुलमुल रवैया ने सिर्फ पुलिस ने 294, 504, 3 (1) ( a ) के तहत मामला दर्ज किया गया।


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