एक और राजनीतिक पार्टी की पैदाइश _कल तक जो बनाता था दूसरे को दूल्हा अब खुद चढे़गा घोड़ी_
खरी-अखरी (सवाल उठाते हैं पालकी नहीं) राजनीति विश्लेषण। यूं तो भारत में जब भी कोई जनाधार वाला नेता अपनी पार्टी से बाहर का रास्ता देखता है...
10/05/2024 08:31:00 pm