भाजपा विधायक संजय पाठक की दांस्ता, सुनिए उन्ही की जुबानी

कटनी। मध्यप्रदेश के जिसे लोग सबसे अमीर विधायक मानते हैं वो अब अपनी पीड़ा खुले मंच से सुनाना शुरू कर चुके हैं। ये कहते हुए की मैं ईमानदार हूं। और ऐसे ही ईमानदारी से सेवा करता रहूंगा। जी हां ये वही ईमानदार भाजपा विधायक संजय पाठक है जो दो साल से काफी मुश्किलों भरे दौर से गुजर रहे हैं। एक कार्यक्रम के दौरान संजय पाठक ने भाजपा सरकार से पहले कांग्रेस की सत्ता का रोना रोते हुए कहा कि उन दिनों भी इनके दो साल बडी तकलीफों भरे थे। कांग्रेस की सरकार ने काम, धंधा, घर, द्वार सब कुछ कुचलने का प्रयास किया। लेकिन भाई सवाल ये उठता है कि अब तो भाजपा की सरकार है और आप भी भाजपा के विधायक हैं, वो भी साम दाम दंड भेद के स्वामी धनी विधायक फिर आपके दो वर्ष कैसे कठिन गुजरे या गुजर रहे हैं बात कुछ समझ नहीं आई। यदि आप अपनी बात को इसी मंच के द्वारा खुलकर वहां मौजूद जनता को बताते तो बात कुछ और होती।



खैर जब आपका मन करे तब बता देना हम अपने चैलन के माध्यम से आपकी पीड़ा आपके ही शब्दों में सुना देंगे बिना किसी लाग लपेट के। लेकिन बार बार एक बात जहन में कौंध रही है कि अब तो कांग्रेस की सरकार भी नहीं है। गुजरे दो सालों का आप अपने कठिन दिनों का किस्सा सुना रहे हैं। उन दो सालों से तो भाजपा की सरकार चली आ रही है। अंतर इतना है कि पहले मुख्यमंत्री त्रिशूल धारी थे, अब बांसुरी वाले हैं। यानि शिवराज के बाद मोहन ने मुख्यमंत्री की गद्दी संभाल ली। फिर भी आप अपनी ही सरकार के होने पर कठिन दिनों से गुजर रहे हैं वो भी ईमानदार होने के बावजूद। लगता है आपकी ईमानदारी सरकार से देखी नहीं जा रही क्यों संजय जी सही कहा ना.? 


आप जैसे ईमानदार विधायक मध्यप्रदेश में तो क्या शायद पूरे भाजपा में चिराग़ लेकर खोजने पर भी नहीं मिलेगा.? फिर भी अपनी सरकार के होते हुए कठिन दिनों का सामना करना पड़ रहा है। इतने ईमानदार जनप्रतिनिधि होने के बाद भी आपकी बात सुनकर मुझे लगता है कहीं कोई बेईमानी करे तो आपकी दुहाई देकर उसे भी ईमानदारी के रास्ते पर लाया जा सकता है। जिस विधायक के पीछे ईओडब्ल्यू और ईडी जैसी कई एजेंसियां जमीन घोटाले की जांच कर रही हो, जिसके ऊपर न्यायालय में आपराधिक मामला विचाराधीन हो। खैर और ज्यादा गहराई में जाने से क्या फायदा वैसे भी आपके किस्से जग जाहिर तो हो ही चुके हैं। आगे क्या होगा ये समय पर छोड देते हैं। लेकिन अंत में जाते - जाते एक बात और यदि आपको अपना मन हल्का करना हो तो इसी तरह कभी भी किसी भी मंच से या अकेले में अपने कठिन दिनों से गुजरने की वजह का एक वीडियो जरूर बना कर भेज दीजिए। ताकि ईमानदार विधायक होने की बात तमाम जनता को पता चले। अरे भाई आप एक जन सेवक है इतना तो बनता है की हम आपके कुछ काम आ सके। क्योंकि हम भी समाज का आईना ही है। अब ये बात अलग है कि किसी को आईने में खुद की सूरत अच्छी न लगे तो इसमें आईने का क्या कसूर।


रवि कुमार गुप्ता : जन आवाज (संपादक )

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