आवेदक पट्टाधारी को भी जारी होगा धारा 182 का नोटिस
कटनी। शासन से पट्टे पर कृषि कार्य हेतु प्राप्त ग्राम मझगवां स्थित एक जमीन के खरीद फरोख्त के प्रकरण में न्यायालय कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद द्वारा सभी तथ्यों का सूक्ष्म अवलोकन कर बिना सक्षम अनुमति के भूमि विक्रय कर भू राजस्व संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन पाए जाने पर इस भूमि को मध्यप्रदेश शासन के नाम शासकीय दर्ज किए जाने का अंतरिम आदेश पारित किया है। साथ ही न्यायालय कलेक्टर कटनी ने इस प्रकरण में नायब तहसीलदार और पटवारी के द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन में बरती गई लापरवाही पर नायब तहसीलदार और पटवारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश भी पारित किया है।
बेशकीमती जमीन के तबादला के लिए लगाया था आवेदन
ग्राम मझगंवा निवासी गोविंद प्रसाद पिता भोंदू चौधरी ने कृषि कार्य हेतु शासन से पट्टे पर प्राप्त ग्राम मझगवां पटवारी हल्का नंबर 22 राजस्व निरीक्षक मंडल मुड़वारा 2 स्थित खसरा नंबर 348 रकवा 0.40 हे. भूमि का तबादला किए जाने के लिए एक आवेदन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटनी के समक्ष गत 13 जनवरी 2022 को प्रस्तुत किया था। जिसमें गोविंद प्रसाद चौधरी मुख्य मार्ग से लगी उक्त बेशकीमती पट्टे की जमीन को निजी भूमि स्वामी दीपक कुमार मसूरहा की भूमि स्वामी हक की भूमि खसरा नंबर 348 रकवा 7.09 हे. में से 0.80 हे. यानि 2 एकड़ जमीन से बदलना चाहता था। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कटनी के द्वारा उक्त आवेदन का अवलोकन कर नियमानुसार कार्यवाही करते हुए नायब तहसीलदार मुड़वारा 2 और संबंधित पटवारी को उक्त भूमि से संबंधित दस्तावेजों की जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने निर्देश दिए गए थे। उक्त प्रकरण न्यायालय कलेक्टर कटनी में प्रस्तुत किया गया था।
बिना अनुमति विक्रय कर दी जमीन
उक्त प्रकरण अभी न्यायालय कलेक्टर कटनी में विचाराधीन होने के बावजूद आवेदक गोविंद प्रसाद द्वारा प्रश्नागत भूमि 27 जुलाई को विक्रय कर रजिस्ट्री कर दी गई। न्यायालय कलेक्टर कटनी द्वारा इस सम्पूर्ण प्रकरण का सूक्ष्मता से अवलोकन किया गया तथा सभी संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदनों का भी गहन अवलोकन किया गया। जिसमें उन्होंने पाया कि आवेदक द्वारा स्वयं उक्त भूमि को शासन द्वारा उसे 1981 में पट्टे पर दिए जाने का उल्लेख किया गया है। साथ ही नायब तहसीलदार के प्रतिवेदन में भी यह स्पष्ट उल्लेख है कि उक्त भूमि शासकीय पट्टे पर दी गई थी व मिसल बंदोबस्त वर्ष 1988-89 में दर्ज है।
पट्टे की शर्तों और भू राजस्व संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन
न्यायालय कलेक्टर ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कलेक्टर अवि प्रसाद ने प्रकरण में पाया कि आवेदक द्वारा बिना कलेक्टर की अनुमति के शासकीय पट्टे की भूमि को विक्रय किया जाना भू राजस्व संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन है। रजिस्ट्री उपरांत भूमि के अन्य के पक्ष में नामांतरण होने की संभावना को देखते हुए न्यायालय कलेक्टर कटनी ने उक्त प्रश्नागत भूमि को शासकीय दर्ज किए जाने का अंतरिम आदेश पारित किया। साथ ही आवेदक को पट्टे की शर्तों के उल्लंघन करने पर धारा 182 के अंतर्गत नोटिस जारी करने का आदेश भी दिया है।
शो कॉज नोटिस जारी करने के आदेश
न्यायालय कलेक्टर कटनी अवि प्रसाद ने प्रकरण के गहन अवलोकन में पाया कि उक्त प्रकरण में संबंधित नायब तहसीलदार और पटवारी द्वारा खसरे का अवलोकन कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किए जाने के बाद भी यह तथ्य जानते हुए कि उक्त भूमि शासकीय पट्टे पर प्रदत्त की गई है, उसके बाद भी उनके द्वारा ‘‘अहस्तांतरणीय’’ की प्रविष्टि दर्ज करने कोई पहल नहीं की गई। जो लापरवाही और कदाचरण की श्रेणी में आता है। जिसके मद्देनजर संबंधित नायब तहसीलदार मुड़वारा और संबंधित पटवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने के आदेश भी पारित किए हैं। साथ ही आदेश की प्रति तहसीलदार और जिला पंजीयक को भेजने के आदेश दिए हैं।
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