सरकारी शिक्षक का हैरत अंगेज कारनामा, बच्चों को बना दिया मजदूर
कटनी। गरीब माता पिता अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में इसलिए नहीं भेजते कि वह वहां जाकर बाल मजदूरी करें। बल्कि आर्थिक रूप से असहाय होने के कारण ये सपना देखते हैं कि उनका बेटा या बेटी पढ़ लिख कर इस काबिल बनेंगे कि उनका और जिले का नाम रोशन होगा। लेकिन सबसे बड़ी बात ये है कि कुछ कामचोर एवं मुफ्तखोर सरकार से मुफ्त कि पगार लेने वाले शिक्षक स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से उनका बचपन और शिक्षा का अधिकार छीन स्कूलों में मजदूरी के काम में लगाकर भविष्य को अंधकार में धकेलने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। जिसका एक वीडियो वायरल होने से शिक्षा और शिक्षक पर प्रश्न चिन्ह लग गया.?
आपको बताते चलें कि जिले की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए कलेक्टर अवि प्रसाद दिन-रात एक करके हर संभव प्रयास करने में जुटे हुए हैं। राज्य शासन द्वारा भी नौनिहालों की शिक्षा व्यवस्था को लेकर आए दिन कोई ना कोई आदेश जारी करके व्यवस्था सुधारने के निर्देश दिए जा रहे हैं। राज्य शासन की मंशा को पलीता लगाते हुए जिले के कुछ शिक्षक अपनी मनमानी करते आए दिन दिखाई पड़ते हैं। कुछ इसी तरह का नजारा आज सोशल मीडिया में वायरल हो रहे एक वीडियो में देखा गया। वायरल वीडियो ढीमरखेड़ा विकासखंड के एकीकृत शासकीय माध्यमिक शाला पौड़ी खुर्द का बताया जा रहा है। वीडियो में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि बच्चे आए तो थे स्कूल में पढ़ने लेकिन यहां पहुंचने के बाद तमाम बच्चे मजदूर बन गए। उनसे स्कूल परिसर के अंदर पड़े मलमा को मजदूरों की तरह ढुलवाये जाने का काम कराया जा रहा है।
जिले की शिक्षा व्यवस्था को लेकर जिम्मेदार जिला शिक्षा अधिकारी खुद को इस वीडियो से अनजान बताकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते नजर आए। मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए लाखों खर्च करती है ताकि बच्चों का उज्जवल भविष्य हो सके। लेकिन कटनी जिले के शिक्षा विभाग में सरकार की मंशा के विपरीत काम हो रहा है। जहां बच्चों के हाथों में कॉपी,किताब, पेन और पेंसिल होनी चाहिए तो वहीं बच्चों के हाथों में मजदूरी करने का ओजार थमा दिया गया। कटनी के ढीमरखेड़ा स्थि शासकीय प्राथमिक शाला पोड़ी खुर्द में बच्चों से मजदूरी कराई जा रही है। जिसका विडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी पृथ्वी पाल सिंह कार्यवाही कि बात कह रहे है। लेकिन इस तरह के विडियो सामने आने के बाद शिक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई है। बच्चे कर रहे मजदूरी वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि शासकीय माध्यमिक शाला पौड़ी खुर्द में पढ़ने वाले बच्चे और बच्चियां वहां पड़े मलवे के ढेर से मलवा उठाकर दूसरी ओर ले जा रहे हैं।
आपको बतादें कि जिस वक्त बच्चे स्कूल में मजदूरी करते दिखाई दे रहे थे वह समय उनकी पढ़ाई का था। घर से बच्चे पढ़ाई करने के लिए निकले थे। लेकिन यहां पढ़ाई के बजाय उनसे मजदूरी कराई जा रही थी। जिला शिक्षा अधिकारी पृथ्वीपाल सिंह ने इस पूरे मामले को लेकर कहा कि अभी मुझे वीडियो के बारे में जानकारी नहीं है। चौकानें वाली बात यह है कि आज के इस सोशल मीडिया के युग में पल - पल की खबर पहुंच रही है। लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी इन सब बातों से एक मासूम बच्चे की माफिक अनजान बने हुए हैं। "क्या ऐसे ही पढेंगा इंडिया" और "ऐसे ही बढ़ेगा इंडिया"। ये जिला शिक्षा अधिकारी बताये।
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