सूख चुके पीले पत्तों का गिरना सूचक है बसंत आगमन का, हरी नई कोपलों के ऊगने का
कटनी। विजेन्द्र मिश्रा हों रजनी सोनी इन जैसे पके पत्ते गिरने से कोई फर्क नहीं पड़ता विशालकाय वटवृक्ष कांग्रेस को, बल्कि यह तो नये पत्तों के जन्म लेने का शुभ संकेत है। फलाने - ढिकाने का पाला बदलना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है ऐसी हेड लाईनें मीडिया की मनगढ़ंत प्रायोजित लाईनें हैं इससे ज्यादा कुछ नहीं। इसके पहले भी कांग्रेस रूपी वटवृक्ष ने नव बसंत आगमन के पहले पतझड़ देखें हैं, देख रहे हैं, आगे भी देखेंगे। अभी तो और भी पके पत्ते झड़ कर दूर गिरेंगे।
इस तरह की त्वरित प्रतिक्रियाएं निकल कर सामने आयी हैं कटनी जिले के कांग्रेसियों की। उनका कहना है कि जो भी अपनी राजनीतिक मातृ संस्था को छोड़कर जा रहे हैं उसके पीछे उनकी निजी स्वार्थलिप्तता है। जो मान सम्मान उन्हें कांग्रेस ने दिया है। दूसरी पार्टी में कभी नहीं मिलेगा। उनकी हैसियत वहां दोयम दर्जे की बनकर रह जायेगी। इस समय कांग्रेस भृष्टाचारियों, दागियों से मुक्त होने के साथ-साथ गुटबाजी से भी मुक्ति पा रही है।
बताया जाता है कि कटनी जिले की विजयराघवगढ़ विधानसभा में आने वाली कस्बाई बस्ती बरही में भाजपा नेता अमित शाह की आयोजित होने वाली चुनावी सभा में जिले के कुछ दागी कांग्रेस नेताओं को अमित शाह के हाथों भाजपाई (मोदी) वाशिंग मशीन में डालकर दाग साफ करने का लालच देकर ले जाया गया परन्तु वहां पर भाजपाईयों ने अपने चाल चरित्र के मुताबिक खेला कर दिया गया। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक अमित शाह के आने के पहले ही कटनी नगर निगम के प्रथम महापौर विजेन्द्र मिश्रा को प्रथम बर्खास्त महापौर बनाकर महापौर की कुर्सी हथियाने वाले संदीप जायसवाल (वर्तमान में मुडवारा विधायक) के हाथों भाजपा का पट्टा भगवा की जगह सफेद पट्टा गले में बांध कर बियाबान में छोड़ दिया गया। ठीक इसी तरह रजनी सोनी के गले में भी भाजपाई पट्टा प्रीति सूरी के हाथों बंधवाया गया। देखने वालों का कहना है कि इसके बाद नवभाजपाई बने लोगों को न तो अमित शाह से मिलवाया गया, न ही स्वागत करवाया गया यहां तक कि मंच पर कुर्सी तक नसीब नहीं हुई। अब ये मोदी वाशिंग मशीन ने निकल कर निचुडे़ हुए कहीं किनारे सूखते नजर आयेंगे। सवाल है कि जब गृह प्रवेश का स्वागत ही इतना अपमानजनक रहा तो भविष्य क्या होगा सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।
वरिष्ठ कांग्रेसजनों (नाम उजागर नहीं करने पर) से चर्चा के दौरान उनकी यह पीड़ा भी सामने आई कि अभी भी कुछ लोग हैं जो अपनी महत्वाकांक्षा, निजी स्वार्थपरता के चलते परिवारवाद के साथ ही गुटबाजी को बढ़ावा देते हुए कांग्रेस को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कांग्रेस के नव बसंत की राह में रोड़ा बने हुए हैं। इनसे भी कांग्रेस मुक्ति चाहती है।
अश्वनी बडगैया अधिवक्ता
स्वतंत्र पत्रकार
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