महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले की वरोरा तहसील के अर्जुनी शेगांव गांव में बिजली विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां एक गरीब खेतिहर मजदूर दादा लटारु भोयर को जुलाई महीने का बिजली बिल 77,110 रुपये का भेज दिया गया। भोयर परिवार का छोटा सा दो कमरों का घर है, जिसमें केवल दो बल्ब और एक बंद पड़ा पंखा लगा है। घर में न एसी है, न फ्रिज और न ही कोई भारी उपकरण है। इसके बावजूद बिजली बिल में 3841 यूनिट का उपयोग बताया गया है।
जब भोयर परिवार ने ये बिल देखा तो उनके होश उड़ गए। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि पिछले एक साल में उनके कुल बिजली उपयोग की यूनिट सिर्फ 516 रही है। अगस्त में 106 यूनिट, सर्दियों में 61 यूनिट और बाकी महीनों में कभी 50 यूनिट से ज्यादा उपयोग नहीं हुआ।
23 जुलाई की सुबह जब वह बिल लेकर स्थानीय सहायक अभियंता संतोष खोब्रागडे के पास पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि यह तकनीकी गलती है। अधिकारी ने कहा कि वे केवल औसतन 1000 रुपये जमा करें और अगला बिल अपने आप ठीक हो जाएगा।