कटनी। लंबे समय से प्रतिबंधित हो चली नशे के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नाइट्रावेट टैबलेट अब भी बड़ी ही आसानी से बाजार में मिल रही है। जिला अस्पताल में बैठे अहम भूमिका निभाने वाले जिम्मेदार अधिकारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और उनके मातहत ड्रग इंस्पेक्टर सरकार की मंशा पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। आपको बता दें कि सरकार ने नाइट्रावेट एवं अन्य तरह की नशे में उपयोग की जाने वाली प्रतिबंधित नशीली दवाओं की बिक्री पर पूरी तरह रोक लगाई है, बावजूद जिला अस्पताल प्रशासन सरकार की इस रोक की लगाम को बेकाबू करने में जरा भी परहेज नहीं कर रहे। यदि ड्रग इंस्पेक्टर और उनकी टीम दवा विक्रेताओं के यहां छापामारी करें तो हर हाल में तमाम ऐसी दवाएं मिल सकती हैं जो नशे के रूप में उपयोग की जाती है साथ जिन दवाओं को प्रतिबंधित किया है बड़ी ही आसानी से नशेड़ियों को मुंह मांगी कीमत में बेची जा रही है। युवा वर्ग इन जहरीली दवाओं की चपेट में आकर अपना सब कुछ बरदाद कर रहा है, तो वहीं जिम्मेदार तमाशबीन बने हुए हैं। सूत्रों पर भरोसा करें तो जिला अस्पताल का ड्रग विभाग समय - समय पर जांच अभियान चलाता तो जरूर है लेकिन ये अभियान मात्र एक औपचारिकता तक सिमट कर दम तोड़ देता है। तोड़े भी कैसे नहीं ये जिम्मेदारों ने तो ईमानदारी का लबादा कब का नशा माफियाओं के यहां गिरवी जो रख दिया है.? जिसका नमूना आज पुलिस ने दिखा दिया।
जानकारी के अनुसार आज थाना रंगनाथ पुलिस द्वारा लगातार क्षेत्र में पैदल पेट्रोलिंग की जाकर अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने का सिलसिला जारी रहा। जहां पुलिस ने अवैध रूप से नशे के लिए उपयोग की जाने वाली नाइट्रावेट टैबलेट के साथ नशा माफियाओं को धर दबोचा। आपको बता दें कि थाना प्रभारी अरूणपाल सिंह एवं थाना रंगनाथनगर स्टाफ के द्वारा धारा 8/21, 22 एनडीपीएस एक्ट 5/11 म.प्र. ड्रग कंट्रोल अधिनियम के तहत आरोपीगणो को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने बताया कि पेट्रोलिंग के दौरान पर्यावरण कॉलोनी रोड ओ.एफ.के. के पास दो व्यक्ति संदिग्ध हालत में रोड के अंदर तरफ जंगल में बैठे दिखे जो पुलिस के वाहन को आता देख भागने लगे। जिसे पुलिस ने घेराबंदी कर नाम पता पूछा जो अपना नाम मंजा सेन उर्फ गणेश पिता स्व.श्याम सुंदर सेन उम्र 48 साल एवं दूसरा आरोपी दीपू उर्फ रामजानी सेन पिता मनमोहन सेन उम्र 24 साल दोनों निवासी रिलेक्सो शोरूम के पीछे बरगवां थाना रंगनाथ नगर कटनी का होना बताये। दोनों व्यक्ति कटनी के होने के वावजूद रास्ता भटकना बोलने से और अधिक संदेह गहराया जो संदेहियो से अपने - अपने हाथ में लिये काले रंग के हैंड बैग को खोलकर चैक कराने के लिये बोला गया। बैग खोलकर दिखाये जाने पर दोनों व्यक्तियो के बैग के अंदर गोलियों के 25 पत्ते मिले। गोलियों को चैक करने पर उक्त संदेहियो द्वारा बताया गया कि यह नाईट्रावेट गोलियों का उपयोग नशे के लिये किया जाता है।
आरोपियों द्वारा अवैध मादक पदार्थ नाईट्रावेट टैबलेट रखना पाये जाने से आरोपियों का कृत्य अपराध धारा 8/21, 22 एनडीपीएस एक्ट, 5/11 म.प्र. ड्रग कंट्रोल अधिनियम के तहत दण्डनीय पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना मे लिया गया।
इस उल्लेखनीय भूमिका को अंजाम देने में के मामले मे उप.निरी.अरूणपाल सिंह थाना प्रभारी रंगनाथनगर, सउनि बहादुर सिंह, प्र.आर. रामनरेश शुक्ला, प्र.आर. अजय तिवारी,प्र.आर. प्रमोद सिंह, प्र.आर. उमारमण बागरी, आर. रोहित,वीरेन्द्र, बृजेश की सराहनीय भूमिका रही।
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| रवि कुमार गुप्ता: पत्रकार ( जन आवाज ) |



