ऐसे सरकारी स्कूल में कैसे पढ़ेगा कल का भविष्य जहां रहता हो जान का खतरा

कटनी। मधुशाला में शराब पीने वालों को कोई भी परेशानी नहीं होनी चाहिए इसका पूरा - पूरा ख्याल रखा जाता रहा है। मगर शिक्षा के मंदिर में पढ़ने वाला देश का भविष्य अपनी जान हथेली में लेकर स्कूल जाने और उस खंडहर नुमा बिल्डिंग की छत के नीचे बैठकर अपना भविष्य संवारने के लिए मजबूर है जो कभी भी धराशायी होकर बनने वाला कल का भविष्य आज ही खत्म होने की दहलीज पर खड़ा है। ऐसा ही एक मामला भरी बरसात में बच्चों की जान का दुश्मन बनकर प्रकाश में आया है।

आपको बताते चले कि। कटनी के कैलवारा खुर्द नई बस्ती सूफी संत नगर में शासकीय प्राथमिक शाला गायत्री तपो भूमि स्कूल का भवन जिसमें मासूम बच्चे अपना कल का भविष्य सजोने की लालसा लिए हुए भरी बरसात में किसी तरह स्कूल पहुंच तो जाते है। 

लेकिन उस वक्त पढ़ाई से कहीं ज्यादा उनका ध्यान उस छत से टपकते पानी की तरफ होता है जिस समय शिक्षक बच्चों को पढ़ा रहे होते है। उस समय पढ़ाई में लगने वाला मन इस बात से कांपने लगता है कि जिस छत के नीचे बच्चें बैठे है किसी भी वक्त भरभरा के गिर न जाये। जगह जगह से टप,टप करता पानी का शोर क्या बच्चों का भविष्य बना पायेगा।

उस समय खतरा और भी ज्यादा भयावह हो जाता है जब बच्चे भरी बरसात में स्कूल परिसर में उगी दो से तीन फुट जंगली घास के बीच से होकर गुजरते है। पता नहीं कब कौन सा जहरीला जीव जंतु बच्चों को अपना शिकार बना लें। इन्ही सब बातों का डर नौनिहालों के माता पिता को तब तक सताता रहता है जब तक उनके आंख का तारा स्कूल से घर वापस नही आ जाता।

इतना ही नही इस स्कूल में तो हालात बद से भी बत्तर है। सूत्रों की माने तो बच्चों को मिलने वाला मध्यान्ह भोजन भी कई दिनों से नसीब नहीं हो रहा है। यदि जल्द ही स्कूल की दुर्दशा नहीं सुधरी तो कोई भी बड़ी अनहोनी होने से इंकार नहीं किया जा सकता।

              कटनी से ब्यूरो रिपोर्ट जन आवाज

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