राधा, मुख्यमंत्री समेत तमाम पुलिस अधिकारियों से क्यों मांग रही इच्छा मृत्यु की अनुमति
कटनी। वैसे तो जिले की तमाम गली - गलियारों में अवैध कारोबार फल फूल रहा है। अवैध शराब , ऑन लाईन सट्टा, ओपन टू क्लोज, स्मैक, चिकनी चमेली की गोरी चमड़ी जैसे अनेको गोरखधंधे कुकुरमुत्ते की तरह पनप रहे हैं। गाहे - बगाहे पुलिस इस अनैतिक कार्यों में कार्रवाई कर अपनी इतिश्री भी करती रहती है।
गौरतलब है कि कोतवाली की खिरहनी पुलिस चौकी ब्रांच अंतर्गत खिरहनी फाटक अवैध शराब और स्मैक के लिए चर्चित एरिया माना जाता है। इतिहास गवाह है कि स्मैक का गढ़ बन चुका खिरहनी फाटक में कोई माई का लाल खाकीवर्दी वाला स्मैक पर प्रतिबंध नहीं लगा सका.? कोतवाली से लेकर खिरहनी पुलिस चौकी में ना जाने कितने प्रभारी आये और चले गये। लेकिन मजाल है जो किसी भी वर्दीधारी ने नौजवानों के भविष्य को गर्त में जाने से बचाने की जहमत उठाई हो। हां एक बात जरूर है कि कोतवाली की खिरहनी ब्रांच में जितने भी प्रभारी आये वैध को अवैध और अवैध को वैध बनाने का फार्मूला बखूबी सीख गए।
इसी तरह का एक हैरतअंगेज कारनामा कोतवाली की खिरहनी ब्रांच की पुलिस ने कर दिखाया। जिससे दुखी एवं व्यथित होकर एक निषाद परिवार की महिला ने जन बच्चों समेत सरकार से लेकर तमाम विभागों को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक गायत्री नगर, बाबा घाट की रहने वाली राधा निषाद महिला ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव, डीजीपी भोपाल, महिला आयोग भोपाल, मानवाधिकार आयोग, आईजी जबलपुर को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाते हुए इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है।
आपको बता दें कि राधा निषाद ने तमाम विभागों को पत्र लिख आरोप लगाया है कि विगत 2 मई की रात मेरे पुत्र राज निषाद को कोतवाली थानाक्षेत्र की खिरहनी पुलिस द्वारा उठा दारू का फर्जी मुकदमा बनाया गया जो पूर्णत: द्वेषपूर्ण कार्यवाही है। राधा निषाद ने आरोप लगाया है कि खिरहनी चौकी पुलिस शराब ठेकेदार दिगपाल जायसवाल एवं उसके बेटे सिद्धार्थ जायसवाल के दबाव में और कठपुतली बन 34/2 का फर्जी मुकदमा बनाया गया है। जिससे व्यथित होकर बहू, बड़े बेटे एवं बाल बच्चों सहित आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं। पत्र में लिखा है कि मामले की उच्च स्तर पर जांच करवाने और हमें मौत को गले लगाने की अनुमति प्रदान करने की दया करें।
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