कटनी। पिता का देहांत होते ही सम्पत्ति को लेकर भाई भाई में जंग छिड़ जाती है, हिस्से बंटवारे को लेकर। जिसमें इस युद्ध में माँ को पिसना पड़ता है। यहां तक की जमीन जायजाद को लेकर विधवा माँ को बेटा - बहू की प्रताड़ना छेलनी पड़ती है।
इसी तरह का मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के सुभाष वार्ड, अल्फट गंज में रहने वाले दो नालायक बेटों ने पिता के गुजर ने के बाद अपनी औकात दिखाते हुए बूढ़ी माँ को घर से बेघर कर दिया दर - दर भटकने को। जिस माँ ने अपना दूध पिला बेटो को पाला पोसा आज वही सांड जैसे हट्टे कट्टे बेटों ने अपनी ही सगी मां को एक - एक बूंद पानी को तरसा रहे हैं। बेटों के साथ बहुओं ने भी अत्याचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इतना ही नहीं मीडिया के सामने तक बड़ी बहू ने तो सारी हदें पार करते हुए सास पर बरसते हुए पूरे मोहल्ले के सामने गला फाड़ - फाड़ कर चीखती चिल्लाती रही। और जोरू के गुलाम नपुसंक बेटे देखते रहे.?
ये फैमली ड्रामा 9 सितंबर का है जब बेटे - बहुओं ने बुजुर्ग विधवा के साथ अत्याचार कर रहे थे। घर से बेदखल कर सड़क में लाकर खड़ा कर दिया। हालांकि इस तरह की करतूत बेटे - बहुओं ने पहली दफा नहीं किया जब अपनी माँ को घर से निकाला गया हो। इनकी हिम्मत इसलिए औऱ भी ज्यादा बढ़ गई जब पुलिस ने अत्याचार करने वाले बेटे - बहुओं पर कार्रवाई नहीं की। क्योंकि बुजुर्ग महिला के साथ 3 जुलाई को कुछ इसी तरह की करतूत की जा चुकी है। बर्दास्त की जब सारी हदें पार हो गई तो बुजुर्ग महिला अपनी बेटी के साथ कोतवाली थाना पहुँच गई थी अपनी दुख भरी पीड़ा बता अपने ही बेटे - बहुओं के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने। लेकिन उस मजबूर माँ की तकलीफ सुनने और समझने वाला कोई भी खाकी वर्दी वाला कोतवाली में नहीं मिला। एक तरफ बेटे - बहुओं ने घर से निकाल बाहर कर दिया, तो वहीं दूसरी ओर कोतवाली पुलिस ने बिना रिपोर्ट दर्ज किए 174 के तहत एनसीआर थमा दी। एक बात तो फिक्स है कोतवाली में प्रभारी के तौर में बैठे थानेदार नाम तो "अजय बहादुर सिंह" है। लेकिन शायद ही इन्होंने कोई बहादुरी का काम किया हो सिवाय नेताओं और अपराधियों की जी हजूरी के अलावा.? नहीं तो कोतवाली पहुँची बुजुर्ग महिला अपने ही घर के बाहर बैठी बेटे और बहुओं की सताई आँसू ना बहा रही होती। इतना ही नहीं जब पुलिस से कोई राहत बूढ़ी विधवा महिला को नहीं मिली तो वह 9 सितंबर को एसडीएम कार्यालय जा पहुँची। उसे वहां से भी मायूसी ही हाथ लगी।
जबकि सीनियर सिटीजन और जब वह महिला हो उसके प्रति पुलिस और प्रशासन की संवेदना और भी ज्यादा बढ़ जाती है। आपको बता दें कि सुभाष वार्ड अल्फट गंज में रहने वाले उत्तम सिंह ठाकुर की मौत। 14 साल पहले हो चुकी है। मरहूम उत्तम की विधवा पत्नी राजकुमारी ठाकुर ने तीन औलाद को जन्म देकर पाला पोसा। जिसमें बड़ा बेटा शिव, छोटा बेटा आशीष के अलावा एक बेटी आरची है। बेटी ने 2006 में बंगला लाईन निवासी सुशील जगवानी थाना माधवनगर से लव मैरिज कर चुकी है। आरची ने अपनी माँ के साथ थाना कोतवाली में जाकर 3 जुलाई को अपने भाइयों की करतूतों की रिपोर्ट लिखाने गई। तो पुलिस ने इस मामले से खुद को दूर करते हुए हाथ खड़े कर लिए। यदि उसी वक्त पुलिस ने कार्रवाई की होती। तो दोबारा एक माँ को अपने ही बेटे - बहुओं की प्रताड़ना का दंश भोगना ना पड़ता।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश हैं किसी भी वरिष्ठ नागरिक के साथ पुलिस बड़ी ही विनम्रता पूर्वक शिकायत सुनकर प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करे। लेकिन कोतवाली पुलिस सारे नियम कायदों को ठोकर मार मनमानी करने में आमादा है। उन्हें सिर्फ अपना फायदा नजर आता है। पीड़ित जाए भाड़ में.? यहां तक की न्यायालय के नियमों की भी कोतवाली में खुल्लमखुल्ला धज्जियां उड़ाई जा रही है। और ये कोई एक रोज का नहीं बल्कि हर दिन का यही आलम है।
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रवि कुमार गुप्ता : संपादक ( जन आवाज ) |