कटनी/ ढीमरखेड़ा। कहते है पुलिस की न दोस्ती अच्छी होती है न दुश्मनी क्योंकि पुलिस तो अपने बाप की भी सगी नहीं है.? बाप तो छोड़ो जिसे नौ महीने कोख में रखकर अपने खून से सींचा उसकी तक सगी नहीं है। जिसका नमूना कटनी की तत्कालीन नगर पुलिस अधीक्षक के तौर पर देखा जा चुका है। लेकिन जिस तरह पांचों उंगली बराबर नहीं होती उसी तरह सारे खाकी धारी एक समान नहीं होते। इस बात को दिल खुश हसमुख मिजाज वाले थानेदार अभिषेक चौबे को देखकर समझा जा सकता है। कटनी के कुठला थाने से लेकर थाना माधवनगर में अपनी सेवाएं दे चुके। ये अलग बात है कि रूटीन तबादले के चलते इनका तबादला कुछ समय पहले थाना ढीमरखेड़ा में हो गया है। लेकिन अभिषेक चौबे अपने सरल स्वभाव और मिलनसार होने के कारण ये हर किसी का दिल जीत कर अपना बना कर अपनी बात भी मनवाते हुए और सामने वाले को संतुष्ट करते हुए फैसला नहीं बल्कि न्याय करते हैं। इसी का उदाहरण ढीमरखेड़ा के शासकीय महाविद्यालय के बाहर विगत दिनों हाईवा से हुआ एक्सीडेंट के बाद दूसरे दिन देखने को मिला।
जहां शासकीय महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने सड़क पर खड़े होकर प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों की मांग थी कि ढीमरखेडा शासकीय महाविद्यालय के सामने स्पीड ब्रेकर बने ताकि वाहन दुर्घटना ना हो। सूचना मिलने पर नायब तहसीलदार श्रीमती आकांक्षा चौरसिया एवं थाना प्रभारी ढीमरखेड़ा अभिषेक चौबे दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। साथ ही छात्र-छात्राओं को समझाइश दी। इतना ही नहीं आस्वस्थ किया की रोड स्टड के माध्यम से स्पीड ब्रेकर तत्काल ही बनाए जाएंगे। और सीमेंट तथा डामरीकरण वाले स्पीड ब्रेकर अगले 12 दिन में बनकर तैयार हो जाएंगे। प्रशासन द्वारा दिए गए आश्वासन पर विद्यार्थी आशंकित न हों इसलिए मौके पर मौजूद थाना प्रभारी अभिषेक चौबे ने विद्यार्थियों से कहा की "मैंने जो कमिटमेंट कर दिया तो कर दिया फिर मैं अपने आप की भी नहीं सुनता" इस बात पर तमाम छात्र - छात्राओं ने तालियां बजाई और प्रशासन का आभार व्यक्त किया। सोमवार की दोपहर हाईवे पर एक्सीडेंट मामले से आक्रोशित होकर छात्रों के द्वारा यह प्रदर्शन किया गया।
![]() |
रवि कुमार गुप्ता : संपादक ( जन आवाज ) |