पर्चीजीवी गुरु की सलाह थी या धोखा

कटनी/ विजयराघवगढ़। 12 जून 2023 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान संगठन प्रमुख विष्णुदत्त शर्मा के साथ कटनी जिले की विजयराघवगढ़ तहसील में विधि विरुद्ध हरिहर तीर्थ नामक फर्जी स्थल पर भूमि पूजन कर रहे थे, वहीं जबलपुर में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी बाडरा जनसभा को संबोधित करते हुए प्रदेश सरकार को कोस रही थी और भोपाल में सरकार के सबसे बड़े बाबूखाने में हुए भीषण अग्निकांड में करोड़ों - अरबों रुपये के राज़दार दस्तावेज स्वाहा हो रहे थे।

उसी दिन अपने वीआईपी भक्तों को दर्शन देने के लिए हवाई रास्ते विजयराघवगढ़ में अवतरित हुआ था ठठरी का बंधा पर्ची कथावाचक हिन्दुत्व का नया ठेकेदार। इतना सब कुछ आपदा में अवसर ढूंढ़ने का संयोग था या प्रयोग!

सवाल यह है कि लालजी के आस्थावानों की भावनाओं से पर्ची के जरिए कलाबाजी दिखाने वाले ने अपने वीआईपी चेले को यह नहीं बताया कि सरकार के सबसे बड़े बाबूखाने में होने वाले लंकादहन में करोड़ों - अरबों रुपये की राज़दार फाइलें भस्म होने वाली हैं या फिर यह कहा था कि मिटा दो गुनाहों के सबूती दस्तावेज। न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी।

अब ये तो गुरु और चेला ही बता सकते हैं कि पर्ची वाले का वाई-फाई आऊट आफ आर्डर था या फिर वाई-फाई अपने आप में एक धोखा है।

मुख्यमंत्री ने आनन-फानन में लंका कांड की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी बना कर तीन दिन में रिपोर्ट देने कहा था लेकिन हफ्ता बीतने को आया लेकिन रिपोर्ट नहीं आई। रिपोर्ट में आयेगा भी क्या। शायद कुछ नहीं वही गोलमोल रिपोर्ट आयेगी। अब ये तो रिपोर्ट में आने से रहा कि आग लगी नहीं साजिशन लगाई गई है।

ऐसी रिपोर्ट भी आ सकती थी मगर ये संभव नहीं है क्योंकि वहां पर काम कर रहे लोग भाजपा और संघ विचारधारा से ओतप्रोत हैं। आग लगने के सही कारणों का पता भी फाईलों में छुपे राज की तरह दफन कर दिया जायेगा। कमेटी में शामिल किसी की भी इतनी औकात नहीं है कि वह सरकार के खिलाफ विपरीत टिप्पणी कर सके। मंत्री - मिनिस्टर पूंजीपतियों की ढ्योढी पर सलाम बजाने वालों से बहुत अच्छी अपेक्षायें रखना ज्यादती होगी।

रोम जल रहा था नीरो बंसी बजा रहा था ठीक उसी तर्ज पर भोपाल में सरकार का आफिस जल रहा था और सरकार का मुखिया विजयराघवगढ़ में रामधुन गा रहा था।

अश्वनी बडगैया अधिवक्ता

स्वतंत्र पत्रकार

No comments

Powered by Blogger.