लकड़ी के कीड़े पूरी कुर्सी खा जाते है, और कुर्सी के कीड़े पूरा देश..
कटनी। जिस तरह से लकड़ी के कीड़े पूरी कुर्सी खा जाते है उसी तरह कुर्सी के कीड़े पूरा देश खोखला ना कर सके यह जिम्मेदारी जनता के कंधों पर होती है। आम जनता के पास ऐसी शक्ति होती है वो चाहे तो देश की सूरत ही बदल दे। बस जरूरत है सूझबूझ और समझदारी की।
2023 में मध्यप्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब कुछ माह ही शेष बचे हैं। कटनी जिले में मुख्य रूप से मुड़वारा, बड़वारा, बहोरीबंद एवं विजयराघवगढ़ को मिलाकर कुल चार विधानसभा हैं। मध्यप्रदेश में ऐसी दो ही राजनैतिक पार्टी है जिनका वजूद लंबे अरसे से कायम है। लेकिन चुनाव आते ही ऐसे - ऐसे राजनीति पार्टी और छुटभैया नेता जो कभी अपने ही पड़ोसी की सुध न लिए होगें बरसाती मेढक की तरह टर्र -टर्र करते नजर आने और मनलुभावन वादे तो ऐसे करते दिखेंगे मानों इनसे बड़ा कोई देश भक्त, समाज सेवक है ही नहीं।
खैर आगे बताते चले कि सभी राजनैतिक पार्टियों ने लगभग अपने - अपने प्रत्याशियों की घोषणा करना शुरू कर दिया है। चुनाव से पहले राजनैतिक पार्टी से लेकर गैर राजनैतिक पार्टी के प्रत्याशी ( निर्दलीय ) ऐसे - ऐसे वादों से सब्जबाग दिखाने मतदाताओं की चौखट पर माथा टेकने से लेकर चरण चुम्बन करने आएंगे जिनकी हैसियत अपने ही घर का बिजली बिल जमा करने की नहीं होगी, लेकिन मतदाताओं को मुफ्त बिजली देने का झुनझुना बजाने घर - घर जाकर दरवाजे की सांकर खटखटाते हुए नजर आएंगे। कुछ तो ऐसे भी मिलेंगे जो पैर के नाखून से लेकर सिर के बाल तक भ्र्ष्टाचार में डूबे हैं और अपनी - अपनी विधानसभाओं से भ्रष्टाचार को जड़ से उखाड़ फेंकने का दावा करने का अलाप रागते मिलेंगे। वर्तमान में भाजपा और कांग्रेस ऐसी दो ही राष्ट्रीय पार्टी हैं जो अपने घोषणा पत्र में बड़े - बड़े दावे छापकर ये कर देंगे वो कर देंगे गली - गली नजर आएंगे।
वर्तमान सरकार से जनता खुश है या जनता से सरकार ये शायद बताने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ये पब्लिक है सब जानती है.? कटनी की एक विधानसभा को छोड़कर तीन विधानसभा में भाजपा सरकार के ही विधायक राज कर रहे हैं लेकिन जनता किस हाल में है इस बात से इन्हें कोई सरोकार नहीं है। शहर विधायक की बात करें जो सबसे जरूरी और लंबे समय से जनता द्वारा की जा रही मेडिकल कॉलेज, इंजीनियरिंग कॉलेज की मांग को आज तक अनसुना किया गया। जबकि तीनों विधायक भाजपा के, यहां तक की मध्यप्रदेश में सरकार और मुख्यमंत्री भी भाजपा के उसके बाद भी शहर को एक मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज न दिला पाए किस काम की ऐसी सरकार और ऐसे विधायक, सांसद।
बहोरीबंद विधानसभा में गुंडागर्दी का तो जैसे गढ़ ही बन गया हो। कभी पत्रकार के घर के बाहर भाजपा के ही लोग आधी रात को जान से मारने का प्रयास करते हैं तो वहीं महिला के साथ पुलिस द्वारा बर्बरता दिखाई जाती है। और तो और जिले में बैठे पुलिस आलाधिकारी आरोपियों पर कार्रवाई करने की वजाय पीड़ित को ही दोषी ठहराया दिया जाता है।
यही हाल विजयराघवगढ़ विधानसभा के भाजपा विधायक का है। इनकी गुंडागर्दी के आगे तो शोले फिल्म का गब्बर भी फेलियर है। ये अपना व्यापार बचाने के लिए राजनीति का दामन पकड़े हुए हैं। कल तक कांग्रेस का डीएनए लेकर भाजपा को पानी पी - पीकर कोसने वाले विधायक आज अवसरवादी होकर उसी कांग्रेस की पीठ में खंजर घोपने का काम कर रहे हैं जिस कांग्रेस ने कई पीढ़ियों को कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री, विधायक और महापौर तक दिया। सबसे बड़ी बात ये है कि कांग्रेस की सरकार जाते ही व्यापार और खुद पर लटकती तलवार से बचने के लिए उन्हीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ हो लिए जिन पर कभी तरह - तरह के आरोपों की बौछार करने से नहीं चूकते थे। पॉवर वापस आते ही गुंडागर्दी शुरू हो गई।
आपको बताते चलें कि सत्ता और पैसों के अहंकार के आगें गुंडागर्दी चरम सीमा पर है। आलम ये है कि सच का आईना दिखाने पर इनका हाजमा खराब होने लगता है। सच दिखाने वाले पत्रकार को अपने पाले हुए भाजपा गुंडों से अगवा करने तक से बाज नहीं आये। लेकिन शहर की जनता ने विधायक की करतूत के चलते महापौर चुनाव में करार तमाचा जड़कर बता दिया कि कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे। गौरतलब है कि मदन मोहन चौबे वार्ड में रहने वाले बुजुर्ग राजीव चौबे उर्फ राजू के साथ जमकर मारपीट की गई थी जिन्हें गंभीर चोट पहुँचाने पर जिला अस्पताल में भर्ती होने पड़ा था। कारनामे तो अनगिनत है और ये कटनी की पब्लिक है सब जानती। फिर भी जो जनता नालायक नेता को अपने वोट की ताकत देकर ताकतवर बनाती है बाद में वही नेता उसी जनता पर अत्याचार कर खून के आंसू रोने के लिए मजबूर करता है। इसलिए वर्तमान सरकार और उनके विधायकों से हतास हो चुकी जनता इस बार बदलाव करे तो शायद प्रदेश और जिले की सूरत बदली जा सकती है।
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