मिल गया जनादेश, बन गए विधायक, अब खुल सकती है पीठ में छुरा घोंपने वालों की पोल

टनी/वि.गढ़।  इतिहास में शायद ये भी पहली बार हुआ है जहाँ एक विधानसभा में तथाकथित मतदान कराने के लिए चार दिनों का वक्त जाया करना पड़ा। मध्यप्रदेश के कटनी जिले की विजयराघवगढ़ विधानसभा का नाम इतिहास में स्वर्ण अक्षरों से लिखा जायेगा.? वो भी इसलिए जो कहीं नहीं होता वो विजयराघवगढ़ में होता है। इस तरह के अजीबो - गरीब  चुनाव प्रकिया कराकर।  वैसे तो गोदी मीडिया ने यादगार बना ही दिया तो वहीं मुंगेरीलाल ने विधानसभा चुनाव के तीन माह पहले से हसीन सपने देखना भी शुरू कर दिए हैं। अब वो बात अलग कि सपने भले ही पूरे न हो पर देखने में क्या हर्ज है।

 खैर आपको बताते चले कि। जनमत संग्रह वोटिंग के पहले विधायक संजय पाठक ने मंच से कहा था कि कुछ ऐसे लोग है जो मोहि से गाड़ी घोड़ा मांगत हीं और फिर चुनाव में मोरे ही पीठ में खंजर घोंपने का काम करते हैं। तो भाई अभी खंजर घोंप ले चुनाव में ऐसा ना करें। आपको बताते चलें कि सूत्रों से मालूमात हुआ है कि। पीठ में छुरा घोंपने वालों का जल्द ही नाम उजागर कर कड़ी क्लास ली जाएगी ताकि चुनावी के समय तथाकथित जनादेश की किरकिरी ना हो सके। बहुत टेंशन है भाई। भगवान ही जाने उन आठ दस गद्दारों का क्या होगा। जब नाम सामने आयेगा.? 

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