जिसको आरक्षण दिया जा रहा है,वो सामान्य आदमी बन ही नहीं पा रहा है !
समय सीमा तय हो कि वह सामान्य नागरिक कब तक बन जायेगा ?
किसी व्यक्ति को आरक्षण दिया गया और वो किसी सरकारी नौकरी में आ गया,अब उसका वेतन ₹25000से ₹50000 व इससे भी अधिक है , पर जब उसकी संतान हुई तो वह भी पिछडी ही पैदा हुई और ... हो गई शुरुआत।
उस सन्तान का जन्म हुआ किसी अच्छे प्राईवेट अस्पताल में और पालन पोषण राजसी माहौल में हुआ मगर फिर भी वह गरीब,पिछड़ा व सवर्णों के अत्याचार का मारा ही रहा।उसका पिता लाखों रूपए सालाना कमा रहा है, उच्च पद पर आसीन है और सारी सरकारी सुविधाएं ले रहा है।
वो खुद जिले के सबसे अच्छे प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहा है, और सरकार फिर भी उसे पिछड़ा मान रही है। सदियों से सवर्णों के अत्याचार का शिकार मान रही है।
आपको आरक्षण देना है, बिलकुल दो पर उसे नौकरी देने के बाद तो सामान्य बना दो ! ये गरीबी ओर पिछड़ा दलित आदमी होने का तमगा तो हटा दो।
यह आरक्षण कब तक मिलता रहेगा उसे ?
इसकी भी कोई समय सीमा तय होनी चाहिए


