कभी भी बन सकती है प्रदेश में ब्लैकआउट की स्थिति
विद्युत कर्मचारियों के साथ इंजीनियर गए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, मुख्यालय शक्ति भवन में किया जोरदार प्रदर्शन, एस्मा का भी नही हुआ असर
(राज्य सरकार ने 3 माह का एस्मा लागू किया था। इसके बाद भी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए)
जबलपुर। अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर लंबे समय से मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से बात करने वाले विद्युत विभाग के कर्मचारी और अभियंता संघ आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। ऐसी स्थिति में अब कभी भी ब्लैकआउट प्रदेश में हो सकता है। विद्युत विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तब तक हड़ताल पर वापस नहीं लौट कर आएंगे। मध्यप्रदेश विद्युत विभाग के मुख्यालय शक्ति भवन में आज सैकड़ो कर्मचारियों ने मुख्य गेट के सामने खड़े होकर प्रदर्शन किया। विद्युत विभाग के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से आम जनता की मुश्किलें बढ़ गई है। ऐसे में कभी भी बिजली गुल हो जाती है तो फिर उसे ठीक करने के लिए कर्मचारी नहीं जाएंगे। हालांकि विद्युत विभाग के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने को लेकर गुरुवार को राज्य सरकार ने 3 माह का एस्मा लागू किया था। इसके बाद भी कर्मचारी हड़ताल पर चले गए।
विद्युत विभाग के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के चलते अब ना ही नए कनेक्शन होंगे और ना ही बिजली बिल का वितरण होगा। बिजली उपभोक्ताओं की शिकायतें भी दर्ज नहीं होगी। ऑफिस संबंधित सभी काम भी प्रभावित होंगे, इसके अलावा रीडिंग भी नहीं होगी। हड़ताल पर विद्युत विभाग के कर्मचारियों का साथ पेंशनर संघ ने भी दिया हैं। मध्यप्रदेश विद्युत मंडल अभियंता संघ के अध्यक्ष हितेश तिवारी ने बताया कि लगातार मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से मांग की जा रही है। लेकिन सरकार ने इस और ध्यान नहीं दिया लिहाजा आज से विद्युत सेक्टर के तीन बड़े संघ हड़ताल पर चले गए हैं। यह हड़ताल पूरे मध्य प्रदेश में चल रही है। विद्युत कर्मचारी को कहना है कि मुख्यमंत्री हमारी मांगों को नहीं सुन रहे थे जिसके चलते ना चाहते हुए भी आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है।
अभियंता संघ, यूनाइटेड फोरम और पीएनए बैनर के तले मध्यप्रदेश में हड़ताल की गई है। कर्मचारियों की मांग है कि विद्युत विभाग में प्राइवेटाइजेशन और टीबी- सीबी तुरंत बंद की जाए। पेंशनरों का पेंशन सुरक्षित किया जाए और उसे ट्रेजरी के थ्रू दिया जाए। पेंशनरों का डीआर तुरंत रिलीज किया जाए। इसके अलावा हमारे अन्य मांगे हैं जिन पर सरकार को विचार करना ही होगा। कर्मचारियों को कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती है तब तक यह हड़ताल जारी रहेगी।इस दौरान कोई भी कर्मचारी कुछ भी काम नहीं करेगा भले ही प्रदेश में ब्लैकआउट की स्थिति क्यों ना हो जाए। विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने उपभोक्ताओं से भी अपील की है कि वह उनकी हड़ताल पर जाने की वजह को समझें। क्योंकि हम सरकार से लगातार प्रताड़ित हो रहे हैं।
विद्युत विभाग के कर्मचारियों के हड़ताल से इन कामों पर पड़ेगा असर
- राजस्व वसूली नहीं होगी
- मीटर रीडिंग नहीं होगी
- बिजली के बिल वितरण नहीं होंगे
- ऑफिस संबंधित काम भी बंद रहेगा
- नए मीटर कनेक्शन नहीं होंगे
- बिजली कर्मी पावर हाउस ड्यूटी नहीं करेंगे
- मेंटेनेंस ऑफिस के कर्मचारी अधिकारी भी काम नहीं करेंगे
- सभी कर्मचारियों के मोबाइल भी बंद रहेंगे
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