कटनी। कोतवाली थाना अंतर्गत रविवार की रात मिशन चौक में हुई चाकूबाजी घटना में घायल हुए मरीजों को सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया था। लेकिन आज दोपहर को तमाम मरीजों ने जिला अस्पताल से जाने का मन बना लिया। पलंग में लावारिस की तरह घायल पड़े मरीजों ने सरकारी अस्पताल से निकल कर जबलपुर के मेडिकल कॉलेज में जाकर इलाज कराना ज्यादा सुरक्षित समझा।
जुटाई गई जानकारी के मुताबिक मुस्लिम समाज के दो परिवारों के बीच हुए खूनी संघर्ष ने दीपावली के त्यौहार को फीका कर दिया। साथ ही कोतवाली क्षेत्र में सनसनी भरा माहौल पैदा कर दिया। खैर आपको बता दे कि चाकूबाजी घटना में घायल हुए करीब आधा दर्जन लोग रविवार की रात से जिला अस्पताल में समुचित इलाज की आस में तीन दिनों से पड़े हुए हैं बावजूद इलाज के नाम पर अस्पताल स्टाफ खानापूर्ति कर घायलों के जीवन से खिलवाड़ करने में आमादा रहा.? गंभीर रूप से घायल मरीजों की एक्सपर्ट डॉक्टर की देख - रेख और उचित इलाज की व्यवस्था न होने के कारण एक बार फिर अस्पताल प्रशासन की पोल खोल कर रख दी। त्यौहार के चलते सरकारी अस्पताल में मरीजों के साथ डॉक्टर भी मिस्टर इंडिया की तर्ज पर अपनी मौजूदगी दर्ज करा नदारत रहे.?
इलाज के अभाव में दर्द से तड़पते घायलों ने अस्पताल प्रशासन को कोसते हुए रिफर होने में ही अपनी भलाई समझी और सरकारी अस्पताल को टाटा बाय - बाय करने का निर्णय लिया। सबसे बड़ी बात ये है कि जब इस पूरे मामले में जिम्मेदारों से जानने का प्रयास किया गया तो अस्पताल में कोई भी जिम्मेदार नजर नहीं आया सिवाय एक नर्स और ड्रेसिंग करने वाले के अलावा।
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रवि कुमार गुप्ता पत्रकार ( जन आवाज ) |