जानकारी के मुताबिक ढीमरखेड़ा पुलिस का संवेदना से भरा मानवीय चेहरा उस समय दिखाई दिया जब एक मोटर साइकिल में सवार होकर पति - पत्नी समेत दो छोटे बच्चे सड़क दुर्घटना में घायल होकर रोड में बेसुध पड़े थे। और उनकी मदद करने किसी भी राहगीर ने अपने जिंदा होने का सबूत पेश नहीं किया। तभी मुर्दा हो चुके राहगीरों के बीच से निकल कर ढीमरखेड़ा थाने में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक विजेन्द्र तिवारी सहित अशोक, आशुतोष, दीपक, सचिन, नीरज, अरुण, एवं आशीष ने मानवता का उदाहरण पेश किया। आपको बता दें कि बाकल थाना क्षेत्र में तनाव के चलते मददगार पुलिस वालों की ड्यूटी लगाई गई थी। कल ड्यूटी समाप्त होने के बाद वज्रवाहन से वापस कटनी आ रहे थे। तभी बहोरीबंद - बाकल रोड में पेट्रोल पंप के पास मोटर साइकिल से दुर्घटना ग्रस्त होकर अचेत हुई महिला को सहायक उप निरीक्षक विजेंद्र तिवारी ने अपनी गोद में उठाकर आनन फानन में दौड़े, ताकि बिना किसी देर के घायल एवं बेसुध महिला को समय से उपचार मिल जाए और उसकी जान बचाई जा सके। बिना देरी किए पुलिस ने वज्रवाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बहोरीबंद उपचार के लिए ले जाया गया।
आपको बता दें कि चन्द्रभान कोरी मोटर साइकिल से अपनी पत्नी मायाबाई कोरी एवं दो छोटे बच्चों को बैठाकर अपनी ससुराल रैपुरा बघवार से जबलपुर के बिलगवां जा रहा था। तभी बाकल क्षेत्र के पेट्रोल पंप के पास मोटर साइकिल के फिसलने से दुर्घटना हो गई। जिससे महिला मायाबाई के सिर पर गंभीर चोट आई और वो बेहोश हो गई। पति ने राहगीरों से भी मदद का आग्रह किया लेकिन किसी ने भी मदद नहीं की। तभी फरिश्ता बनकर पहुंचे पुलिसकर्मियों ने घायल महिला को तत्काल वज्रवाहन में बैठाकर बहोरीबंद अस्पताल पहुंचाया जहां महिला का उपचार जारी है। और वह अब खतरे से बाहर है।
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| रवि कुमार गुप्ता: पत्रकार ( जन आवाज न्यूज ) |



